रामनगर## *अवैध अतिक्रामक बनाम टीना शेड व्यवसायियो की बीच दिशा भ्रम की स्थित मौजूद* नगर परिषद रामनगर सभागार में रामनगर एसडीएम डॉ-आरती सिंह की उपस्थिति में नगर परिषद अध्यक्ष दीपा दीपू मिश्रा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी लालजी ताम्रकार,सम्मानित पार्षदों व टीना शेड व्यवसायियो की सम्मिलित बैठक में जंहा कुछ व्यवसायी अपनी गोमती पीछे करने पर सहमत दिखे तो कुछ चिन्हित स्थानों पर टीन शेड व सुविधाओ के बीच दुकानें लगाने पर अड़े रहे
नगर के विकास व सौंदर्यीकरण के के लिए जंहा अवैध अतिक्रमण का हटना जरूरी है वही नालों,पुलियो,पार्को,मैदानों,सड़को पर अवैध रूप से तथाकथित बाणसागर के पट्टे के दम पर रामनगर की सार्वजनिक जमीनों को निगलने वालो पर भी जांच कार्यवाही जारी हो इस पर सभी एक मत दिखे,वही नव निर्मित दुकानों के टेंडर पर बाणसागर डूब विस्थापित टीना शेड धारकों को प्राथमिकता देकर समस्याएं हल की जा सकती है
*डूब विस्थापितों से उपेक्षित व्यवहार
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*बाणसागर परियोजना में डूब गए परिवार* खबर के मुताबिक 1977 से बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना के तहत ,शहडोल जिले के देवलौंद बाणसागर क्षेत्र में सोन नदी पर बांध बनाकर देश ,प्रदेश व राज्य में कृषि,पेय,बिजली व अन्य परियोजनाओं के द्वारा,प्रभावित आम खास को व्यवस्थित जीविकोपार्जन के संसाधन उपलब्ध करना था,लेकिन आम जनता के नाम पर खास जनता को जंहा मनमाफिक लाभ दिए गए वही आम जनता को ठनठन गोपाल की बरकत जारी रही जिसके चलते जंहा आदर्श ग्रामो की जगह जगह बसाहटों में कही 60/90 का तो कही 50/90 का तो कही 40 /नब्बे वर्ग फुट भूखण्ड प्रदान करते हुए ,उन्हें तथाकथित
सड़क,नाली,पार्क, सरकारी शिक्षण
संस्थान,स्वास्थ्य केंद्र,औद्योगिक संस्थान,चरागन, खेल के मैदान ,मुक्तिधाम व अन्य शासकीय सार्वजनिक निर्माण कार्यो के लिए रिजेक्ट,एस, सड़को के अहाते,तालाब,नाले,नालियां,सड़के छोड़ी गई थी कुछ समय बाद उन्ही का जायज ,नाजायज अधिग्रहण करके,जंहा आदर्श ग्रामो में चिन्हित कुल भूखंडों में से कुछ भूखण्ड बचाकर,धीरे धीरे तथाकथित विभाग के जिम्मेवारो,जबाबदारो की पद मुद्राओं से आर ,एस, पार्क,मैदान,आदि अन्य जगहों के भूखंडों के पट्टे बट गए, खबर के अनुसार एक तरफ बाणसागर परियोजना के अधिकारी, भूखण्ड अब भी बचे होने की बात लिखते है वही सार्वजनिक हित रखने वाली सरकारी जगहों को निजी पट्टे बांट कर तमाम तरह की विसंगतियों के दर्शन करा रहे है,कुल मिलाकर या तो मामला कूट रचित दस्तावेजो का हो सकता है,या,सरकार,सत्ता व प्रशाशन को गुमराह करने का लेकिन हित प्रभावित डूब विस्थापितों के हो रहे है,जिसके चलते आज रामनगर क्षेत्र में किसी भी चौराहें, चौक,तिराहे,या सार्वजनिक जगह ,यंहा तक कि चिन्हित जगहों पर एक सही शॉट पुरुष/महिला प्रसाधन नही दिख रहा,हां यह बात अलग है कि 5/₹दर पर शुलभ शौचालय की एक मात्र सुविधा रीवा रोड पर हैआज आलम यह है कि सड़क के किनारे गोमती,शेड में व्यापार,धंधा, खुले में बैठकर डूब विस्थापित रोजगार करने वालो के पास ,,न तो बाजार के लिए वर्तमान में जगह है, और न ही पक्की दुकानें , टीना शेडो में सैकड़ो,हज़ारों,या लाखो करोड़ो का कारोबार चल ही रहा है, और आज एक अतिक्रमण को हटाकर दूसरे अतिक्रमण पर कब्जा के लिए मारा मारी है चौबीस पच्चीस सालो के विकास काल मे रामनगर क्षेत्र में विकास कार्यो के नाम पर खरबो की राशि विलुप्त हो चुकी है
, लगातार व्यापारिक कॉम्प्लेक्स निर्मित हो रहे है,लेकिन ऑन लाइन सबकुछ ओपन निजी कारोबार के चलते जंहा विस्थापितों से किये गए एग्रीमेंट को किनारे करके,काम करने से डूब प्रभावित ग्रामो,नजरो के निवासियों सहित पशु पक्षियों का पलायन भी आम है,वही शिकारी प्रजातियों की आमद बेतहाशा बढ़ गई है ऐसी स्थित में दिया तले अंधेरा की कहावत के साथ डूब कर भी प्यासे रहने का वाकया देखा जा सकता है,वही धरातल में स्थित यह है कि किसी का मुआवजा किसी को भुगतान,किसी की जमीन पर कोई अन्य यजमान,बालिग,नाबालिग,,मृतक मेहमान,जुगाड़,का जमाना,मच्छर पहलवान का दंश डूब प्रभावितों के लिए सिरदर्द बन चुका है, आवेदन,शिकायतों,जांच कार्यवाहियों के नाम पर,कार्यालयों, यूनिटों, बस्तों,पँजियो में जंहा आग ,हवा ,पानी,धूल,धूप या चूहे,से क्षतिग्रस्त होने की खबर है
वही सूचना अधिकारों के आवेदनों पर राम -राम जय सीता राम लिख कर ,अब सब कुछ बंदोबस्ती के दौर में चलता हुआ डिजिटली देखा जा सकता है, टापुओं में स्टीमर चलाकर, पर्यटन के क्षेत्र में उन्नति भरपूर है,